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खबर से पहले चेतावनी...

इस खबर का वास्तविक घटना से कोई लेनादेना नहीं है। ये खबर डेस्क के
कुछ खुराफाती लोगों की दिमाग की उपज है।

हमें खबर मिली है कि कसाब ने सोचना बंद कर दिया है। उसके डॉक्टरों के कहना है कि कुछ चैनल उसके सोचने पहले ही ये सोचने लगे हैं कि वो क्या सोचने वाला है इसलिए सोचने को काम कसाब ने चैनल वालों को सौंप दिया है। अभी अभी ये भी खबर आई है कि शिल्पा शादी करने वाली हैं लेकिन हम शिल्पा के बारे में जो खुलासा करेंगे वो आपके होश उड़ा देगा। होश उड़वाने के लिए आपको करना होगा इंतजार। क्योंकि डेस्क पर कुछ लोग यू ट्यूब पर वो फुटेज सर्च करने में जुटे हैं जिससे शिल्पा को लेकर कन्फ्यूजन क्रिएट किया जा सके। फिलहाल बढ़ते हैं दूसरी बड़ी खबर की ओर। पाकिस्तान में तालिबान ने फिर से हथियार उठा लिए हैं। अभी अभी हमें यूट्यूब पर कुछ ऐसी क्लिपिंग मिली है जिससे लगता है कि कुछ लोग हाथों में हथियार लिए हैं, ये लोग किसी पहाड़ी इलाके में हैं पठानी सूट पहने हैं। हमने मान लिया है कि वो तालिबानी हैं और पाकिस्तान में ही हैं। आपको मनवाने के लिए हमारे डेस्क के कुछ सहयोगी ग्राफिक्स वालों से मदद ले रहे हैं विजुअल के घालमेल से हम पूरा माहौल बनाने की कोशिश करेंगे और पूरा यकीन दिलाने की कोशिश करेंगे, वैसे भी कौन सा तालिबान वाले हमारे ऊपर क्लेम करने आ रहे हैं। चलिए आपको दिखाते हैं मिलावट के काले कारोबारियो की वो करतूत जो आपके होश उडा देगी। वैसे होश आपके हम पहले भी उड़ाते रहे हैं लेकिन लगता है कि आप होश उड़वाने के मामले में हैव्यूचअल हो गए हैं। खैर दिल्ली में डालडा बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश हुआ है। गिरफ्तार किया गया आरोपी खुद को पुराना टीवी जर्नलिस्ट बताता है। उसका कहना है कि वो पहले खबरों में मिलावट करता था। इन मिलावटी खबरों का कोई असर दर्शकों पर पड़ता ना देख उसने मिलावट के धंधे का एक्टेंशन किया और मिलावटी डालडा बेचने लगा। उसका कहना है कि उसका नेटवर्क नोएडा और दिल्ली के कई इलाकों में फैला है। खबर खेल की..क्रिकेट कहीं हो नहीं रहा है जो हो रहा है उसकी टीआरपी नहीं है...ऐसे मे भला हो वीरु का जो दिल्ली क्रिकेट बोर्ड से खेल रहे हैं। खेल की पिच पर उनका बखूबी साथ दे रहे हैं अरुण जेटली। माना जा रहा है कि दोनों का मैच टाई हो गया है। लेकिन हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि ये मैच आगे चलता रहे। इसलिए हमारे संवाददाता को नौकरी का हवाला देकर कह दिया गया है कि वो सहवाग के इंटरव्यू से कुछ कॉन्ट्रोवर्सियल हिस्से निकाले नहीं तो उसका चैनल से निकलना तय है। फिलहाल यहां वक्त हो चला है एक छोटे से ब्रेक का। ब्रेक में देखिए कि सात सौ की पेंशन पाकर बुजुर्गों ने कैसे मटकाए कुल्हे। और कौन है वो माई का लाल जो बिना खापों के इजाजत के बता रहा है हरियाणा को नंबर वन। देखते रहिए.....

दुनिया में हूं दुनिया का तलबगार1 नहीं हूं
बाज़ार से गुज़रा हूं, ख़रीददार नहीं हूं

ज़िन्दा हूं मगर ज़ीस्त2 की लज़्ज़त3 नहीं बाक़ी
हर चंद कि हूं होश में, होशियार नहीं हूं

इस ख़ाना-ए-हस्त4 से गुज़र जाऊंगा बेलौस5
साया हूं फ़क़्त6, नक़्श7 बेदीवार नहीं हूं

अफ़सुर्दा8 हूं इबारत9 से, दवा की नहीं हाजित10
गम़ का मुझे ये जो’फ़11 है, बीमार नहीं हूं

वो गुल12 हूं ख़िज़ां13 ने जिसे बरबाद किया है
उलझूं किसी दामन से मैं वो ख़ार14 नहीं हूं

यारब मुझे महफ़ूज़15 रख उस बुत के सितम से
मैं उस की इनायत16 का तलबगार17 नहीं हूं

अफ़सुर्दगी-ओ-जौफ़18 की कुछ हद नहीं “अकबर”
क़ाफ़िर19 के मुक़ाबिल में भी दींदार20 नहीं हूं


...........अकबर इलाहाबादी............

1. तलबगार= इच्छुक, चाहने वाला, 2. ज़ीस्त= जीवन, 3. लज़्ज़त= स्वाद, 4. ख़ाना-ए-हस्त= अस्तित्व का घर
5. बेलौस= लांछन के बिना, 6. फ़क़्त= केवल,7. नक़्श= चिन्ह, चित्र, 8. अफ़सुर्दा= निराश, 9. इबारत= शब्द, लेख, 10. हाजित(हाजत)= आवश्यकता, 11. जो’फ़(ज़ौफ़)= कमजोरी, क्षीणता, 12. गुल= फूल, 13. ख़िज़ां= पतझड़, 14. ख़ार= कांटा, 15. महफ़ूज़= सुरक्षित, 16. इनायत= कृपा, 17. तलबगार= इच्छुक, 18. अफ़सुर्दगी-ओ-जौफ़= निराशा और क्षीणता, 19. क़ाफ़िर= नास्तिक, 20. दींदार=आस्तिक,धर्म का पालन करने वाला।

जरा सोचिए

Act in the valley so that you need not fear those who stand on the hill.
Danish proverb
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The secret of life is honesty and fair dealing. If you can fake that, you've got it made.
Groucho Marx (1890-1977)
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Minds are like parachutes. They only function when they are open.
Sir James Dewar, Scientist (1877-1925)
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Don't go around saying the world owes you a living; the world owes you nothing; it was here first.
Mark Twain [Samuel Langhornne Clemens] (1835-1910)
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Few things are harder to put up with than the annoyance of a good example.
Mark Twain [Samuel Langhornne Clemens] (1835-1910)
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Life is the art of drawing sufficient conclusions from insufficient premises.
Samuel Butler (1612-1680)
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If you can't describe what you are doing as a process, you don't know what you're doing.
W. Edwards Deming

Time

'Take time to look- it is price of success...Take time to think-it is a source of power....Take time to read-it is a source of wisdom'

TRUTH

"Three things cannot be long hidden:
the sun, the moon, and the truth.”

ज़रा-सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है

ज़रा-सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है
समन्दरों ही के लहजे में बात करता है

खुली छतों के दिये कब के बुझ गये होते
कोई तो है, जो हवाओं के पार कतरता है
शराफ़तों की यहां कोई अहमियत ही नहीं
किसी का न बिगाड़ों, तो कौन डरता है

यह देखना है कि सहरा भी है, समन्दर भी
वह मेरी तश्नालबी किसके नाम करता है

तुम आ गये हो, तो कुछ चांदनी-सी बातें हों
ज़मीं पे चांद कहां रोज़-रोज़ उतरता है

ज़मीं की कैसी वकालत हो, फिर नहीं चलती
जब आसमां से कोई फ़ैसला उतरता है

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